इस दुनिया में हर किसी को कभी न कभी ऐसे लोगों से दो-चार होना पड़ा है जो सिर्फ अपने मतलब के लिए हमारे करीब आते हैं। ऐसे लोग सामने से मीठा बोलते हैं, लेकिन अंदर से उनके इरादे खुदगर्ज़ और घटिया होते हैं। मतलबी रिश्ते इंसान के जज़्बातों को तोड़कर रख देते हैं। और जब दिल टूटता है, तो इंसान या तो खामोश हो जाता है या फिर अपनी बात शायरी में बयां करता है।
यह लेख उन सभी लोगों के लिए है, जो किसी मतलबी रिश्ते या घटिया इंसान की वजह से टूट चुके हैं। यहां आपको दर्द भरी शायरियां, सच्चे अल्फाज़ और वो एहसास मिलेंगे जो आपके ज़ख्मों पर मरहम बन सकें।
घटिया स्वार्थी लोग मतलबी रिश्ते शायरी:
मतलबी लोग जब अपने काम के लिए पास आते हैं, तो उनकी बातें बहुत मीठी लगती हैं। लेकिन जैसे ही उनका मतलब पूरा होता है, वो इंसान को पराया बना देते हैं। इस तरह की सच्चाई को बयां करती कुछ शायरियां:
मतलब के लिए जो साथ थे,
वो जरूरत खत्म होते ही दूर हो गए।रिश्ते निभाना जिनके बस की बात नहीं,
वो हर बार मतलब का नाम देते हैं।घटिया लोग वो नहीं जो सामने बुरा कहें,
वो हैं जो मुस्कुरा कर वार करें।तू मेरे पास सिर्फ तब आया,
जब तुझे किसी सहारे की तलाश थी।स्वार्थ की हदें पार कर दी तुमने,
इंसान नहीं सौदागर निकले।तुमने दोस्ती को भी सौदे की तरह इस्तेमाल किया,
और मैं दिल से निभाता रहा।जब तक मैं देता रहा,
तब तक तू मेरे साथ था।तेरी हँसी के पीछे भी मतलब छुपा था,
और तेरे आँसुओं में भी स्वार्थ।जिसे अपना समझा,
वही मतलब निकालकर चल दिया।रिश्ते सिर्फ नाम के रह गए हैं,
असली मायने तो मतलब ने खा लिए।जब दिल टूटा तो समझ आया,
मतलबी लोग रिश्तों का मजाक उड़ाते हैं।जो सामने हँसते हैं,
वो अक्सर पीठ पीछे वार करते हैं।तुम्हारा साथ भी मतलब था,
और दूर होना भी।
घटिया सोच के लोग अक्सर खुद को समझदार समझते हैं।

मतलबी रिश्तों पर शायरी:
रिश्तों को दिल से निभाना अब पुराने ज़माने की बात हो गई है। आजकल रिश्तों में भी फायदों का गणित चलने लगा है। कुछ शायरियां जो इस जहर को शब्दों में ढालती हैं:
जिसे वक्त पर मैंने खुद से भी ज़्यादा चाहा,
वही शख्स वक्त बदलते ही बदल गया।रिश्तों में अब भावनाएं नहीं,
बस लेन-देन रह गया है।तू अपने मतलब के लिए पास आया,
और मैं बेवकूफ दिल से तुझमें उलझ गया।रिश्तों को काग़ज़ की तरह मोड़ा तुमने,
जब काम निकला, फाड़ के फेंक दिया।मतलबी लोग पहले ज़रूरत बताते हैं,
फिर एहसान जताते हैं।रिश्ते अब कीमत से नहीं,
सुविधा से तोले जाते हैं।आजकल रिश्ता निभाने वाला नहीं मिलता,
बस इस्तेमाल करने वाले मिलते हैं।सच्चे रिश्ते अब किताबों में रह गए हैं,
हकीकत में तो हर कोई मतलब का खेल खेल रहा है।तू अब पास नहीं,
क्योंकि अब तुझे मेरी जरूरत नहीं।
घटिया सोच वाले लोग:
घटिया सोच एक ऐसी बीमारी है, जो इंसान के चेहरे से नहीं, उसके व्यवहार से पहचान में आती है। ऐसे लोगों को पहचानना ज़रूरी है, ताकि खुद को टूटने से बचाया जा सके।
तेरी सोच जितनी घटिया है,
उतनी ही कमज़ोर तेरी पहचान भी है।बड़े नाम से कोई बड़ा नहीं बनता,
बड़ी सोच और सच्चे इरादे चाहिए।तुम्हारे जैसे लोग सामने कुछ और,
और पीठ पीछे कुछ और होते हैं।घटिया लोग चुप नहीं रहते,
वो मुस्कराते हुए जहर उगलते हैं।तुमने खुद को समझदार समझा,
मगर हम तुम्हें बेनकाब होते देख रहे थे।रिश्ते की गहराई नहीं समझ सका तू,
क्योंकि तेरी सोच हमेशा उथली रही।तुमसे दूरी बनाना ही सुकून है।
घटिया सोच वाले लोग वही होते हैं
जो हर किसी को अपने मतलब का जरिया समझते हैं।
Emotional Pain Messages (Dil Se Nikle Alfaaz):
कुछ बातें शायरी नहीं होतीं, बस दिल की आवाज़ होती हैं। ये अल्फाज़ उन्हीं एहसासों का नतीजा हैं, जब भरोसा टूटता है।
अब तुझसे कोई गिला नहीं,
क्योंकि तुझसे कोई रिश्ता भी नहीं बचा।मुझे खुद से नफरत हो गई,
कि मैंने तुझपर यकीन किया।तेरा साथ सिर्फ एक धोखा था,
जिसे मैंने मोहब्बत समझा।तू आज जिसे छोड़ गया है,
कल वही तुझे याद आएगा।मेरे जज़्बात तेरे लिए मज़ाक बन गए,
और तू मुझे कमजोर समझ बैठा।तू अब लौटकर भी आए,
तो मैं वहीं नहीं रहूंगा जहाँ तूने छोड़ा था।

Poetry Section (Dil Todne Wale Rishton Par Kavita):
कविता: “मतलब”
मतलब की दुनिया में,
रिश्ते भी किराए पर मिलने लगे हैं।
कभी तू अपना था,
आज अजनबी लगने लगा है।जब तक मैं देता रहा,
तब तक तू मेरा था।
अब मैं खाली हूँ,
और तू गायब।
कविता: “घटिया सोच”
तेरे शब्द मीठे थे,
मगर इरादे जहर से भरे।
तेरा चेहरा मासूम था,
पर सोच बेहद घटिया।मैंने दिल से निभाया,
तूने दिमाग से तोला।
रिश्तों की ये कीमत,
तेरे जैसे लोग ही लगाते हैं।
Q. घटिया स्वार्थी लोग कौन होते हैं?
A. वो लोग जो सिर्फ अपने फायदे के लिए रिश्ते बनाते हैं और दूसरों की भावनाओं की कद्र नहीं करते।
Q. मतलबी रिश्तों से कैसे बचा जा सकता है?
A. ऐसे लोगों की पहचान जल्दी करें, जो सिर्फ जरूरत के समय पास आते हैं। खुद की वैल्यू समझें और दूरी बनाएं।
Q. मतलबी लोगों को जवाब कैसे दें?
A. शायरी और शब्दों से अपना दर्द जाहिर करें। उन्हें खुद उनकी औकात दिखाना सबसे अच्छा जवाब है।
निष्कर्ष:
घटिया स्वार्थी लोग और मतलबी रिश्ते ज़िंदगी के वो कड़वे अनुभव हैं जो हमें अंदर से तोड़ देते हैं। लेकिन इन्हीं अनुभवों से हम मजबूत बनते हैं। इस लेख की शायरी, कोट्स और अल्फाज़ आपके उस दर्द को शब्दों में ढालते हैं जिसे आपने चुपचाप सहा है। उम्मीद है ये अल्फाज़ आपके दिल को थोड़ी राहत देंगे और आपको ये याद दिलाएंगे कि आप अकेले नहीं हैं।
